आज के समय में ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं के बीच सबसे आम प्रकार का कैंसर बन गया है। 2020 के आंकड़ों के अनुसार, लगभग 1.78 लाख भारतीय महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की पहचान हुई, जिसमें से 90,000 से अधिक महिलाओं की जान इस बीमारी ने ली। यह कैंसर महिलाओं में होने वाले कुल कैंसर के मामलों का करीब 26% है और कैंसर से होने वाली कुल मौतों का लगभग 15% हिस्सा है। इस बीमारी के बढ़ने का कारण बदलता जीवनशैली, खानपान में असंतुलन, धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा आदि हो सकते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर क्या है (Breast Cancer in Hindi)?
ब्रेस्ट कैंसर तब होता है जब स्तन की कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि और विभाजन शुरू हो जाता है। इसमें आमतौर पर स्तन की दूध उत्पादक ग्रंथियों (लोब्यूल) या नलिकाओं में कैंसर बनने लगता है। यह कैंसर स्तन की चर्बी या संयोजी ऊतकों में भी फैल सकता है, और गंभीर मामलों में लिम्फ नोड्स के माध्यम से शरीर के अन्य हिस्सों में फैलने की संभावना होती है। इसलिए, महिलाओं के लिए समय-समय पर स्तन की जांच कराना बेहद जरूरी है।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या हैं (Breast Cancer Symptoms in Hindi)?
शुरुआत में ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन समय के साथ कुछ सामान्य लक्षण उभर सकते हैं:
- स्तन में एक कठोर गांठ या मास महसूस होना, जो सामान्यतः दर्द रहित होती है।
- निप्पल से गाढ़ा या खून जैसा स्राव आना।
- स्तन के आकार या आकार में बदलाव।
- अंडरआर्म्स में गांठ या सूजन का महसूस होना।
- निप्पल का रंग बदलना या उसमें खुजली या जलन महसूस होना।
इनमें से कोई भी लक्षण दिखने पर डॉक्टर से परामर्श करना अनिवार्य है, ताकि बीमारी का समय रहते इलाज हो सके।
ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार (Types of Breast Cancer Hindi)
ब्रेस्ट कैंसर दो मुख्य प्रकार के होते हैं:
- इन्वेसिव ब्रेस्ट कैंसर: इसमें कैंसर कोशिकाएं तेजी से बढ़ती हैं और आसपास के ऊतकों में फैलने लगती हैं। इस प्रकार के कैंसर के अधिकतर मामलों में डक्टल कार्सिनोमा होता है।
- नॉन-इन्वेसिव ब्रेस्ट कैंसर: यह धीरे-धीरे बढ़ता है और एक ही स्थान पर सीमित रहता है। हालांकि, समय पर इलाज न होने पर यह भी इन्वेसिव में बदल सकता है।
ब्रेस्ट कैंसर के जोखिम कारक (What are the Risks of Breast Cancer in Hindi?)
कुछ प्रमुख कारण जो ब्रेस्ट कैंसर की संभावना बढ़ाते हैं, निम्नलिखित हैं:
- आयु: अधिकांश मामले 55 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में देखे जाते हैं।
- लिंग: महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा पुरुषों की तुलना में बहुत अधिक होता है।
- आनुवांशिक प्रवृत्ति: BRCA1 और BRCA2 नामक जीन में उत्परिवर्तन (म्युटेशन) से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
- जीवनशैली: अस्वस्थ खानपान, धूम्रपान, शराब का सेवन, और शारीरिक गतिविधि की कमी भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
- हार्मोन थेरेपी: रजोनिवृत्ति के बाद हार्मोनल दवाओं का सेवन भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
- मासिक धर्म का जल्दी आना या देरी से रजोनिवृत्ति: महिलाओं में 12 वर्ष से पहले पीरियड्स शुरू होना या 55 के बाद रजोनिवृत्ति होना ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।
इन सभी जोखिम कारकों को ध्यान में रखते हुए जीवनशैली में बदलाव लाना और समय-समय पर जांच करवाना महिलाओं के लिए जरूरी हो जाता है।
ब्रेस्ट कैंसर की स्टेज(Stages of Breast Cancer in Hindi)
ब्रेस्ट कैंसर को इसके ट्यूमर के आकार और प्रसार के आधार पर चार चरणों में बांटा जाता है:
- स्टेज 0: इस चरण में कैंसर कोशिकाएं स्तन के डक्ट में ही रहती हैं और अन्य ऊतकों में नहीं फैलतीं।
- स्टेज 1: इस चरण में ट्यूमर 2 सेंटीमीटर से छोटा होता है, और लिम्फ नोड्स प्रभावित नहीं होते।
- स्टेज 2: इस चरण में कैंसर ट्यूमर का आकार बढ़ जाता है और यह पास के लिम्फ नोड्स तक फैल सकता है।
- स्टेज 3: यह गंभीर चरण होता है जिसमें कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों तक फैलने लगता है।
- स्टेज 4: इस अंतिम चरण में कैंसर शरीर के कई हिस्सों जैसे कि लिवर, हड्डी, दिमाग आदि में फैल चुका होता है।
ब्रेस्ट कैंसर की जांच कैसे की जाती है (How is breast cancer diagnosed in Hindi)?
ब्रेस्ट कैंसर की पहचान और जांच के लिए निम्नलिखित प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं
- मैमोग्राम: एक प्रकार का एक्स-रे टेस्ट जो स्तन में गांठ या असामान्य ऊतकों की पहचान करता है। यह 40 से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए नियमित रूप से कराने की सलाह दी जाती है।
- अल्ट्रासाउंड: यह स्तन में ट्यूमर का आकलन करने के लिए किया जाता है, विशेषकर अगर मैमोग्राम से स्पष्ट जानकारी न मिले।
- बायोप्सी: इस परीक्षण में संदिग्ध हिस्से से ऊतक का नमूना लिया जाता है, जिसे लैब में परीक्षण के लिए भेजा जाता है। यह सबसे सटीक जांच है जो कैंसर की पुष्टि करती है।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव के उपाय (What is breast cancer prevention)?
ब्रेस्ट कैंसर से बचने के लिए महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए और जीवनशैली में सुधार करना चाहिए:
- स्वस्थ आहार: ताजे फल, सब्जियां, प्रोटीन, और अनाज से युक्त संतुलित आहार लें।
- शारीरिक सक्रियता: रोजाना योग, व्यायाम, या किसी प्रकार की शारीरिक गतिविधि से शरीर को फिट रखें।
- धूम्रपान और शराब का परहेज: धूम्रपान और शराब का सेवन ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है, इसलिए इनसे दूर रहें।
- वजन नियंत्रण: स्वस्थ वजन बनाए रखना भी ब्रेस्ट कैंसर से बचाव में सहायक है।
- जांच और स्वयं परीक्षण: हर महीने अपने स्तनों का स्वयं परीक्षण करें और किसी भी असामान्यता को नजरअंदाज न करें।
ब्रेस्ट सेल्फ-चेक कैसे करें?(Breast Self Examination Steps in Hindi)
स्तन का स्वयं परीक्षण एक आसान प्रक्रिया है जिससे महिलाएं प्रारंभिक स्तर पर किसी भी प्रकार की असामान्यता पहचान सकती हैं। इसे करने के कुछ मुख्य चरण इस प्रकार हैं:
- शीशे के सामने खड़े होकर अपने कंधों को सीधा और हाथों को कूल्हों पर रखें। इस स्थिति में अपने स्तनों का ध्यानपूर्वक निरीक्षण करें और किसी भी तरह की असामान्यता जैसे आकार, रंग, या बनावट में बदलाव को नोट करें।
- अब अपने हाथों को ऊपर उठाएं और इसी निरीक्षण प्रक्रिया को दोहराएं। देखें कि किसी प्रकार की सूजन या गांठ तो नहीं है।
- एक हाथ से दूसरे स्तन को दबाकर जांचें। अपनी उंगलियों का उपयोग करते हुए स्तन की पूरी सतह को गोलाई में महसूस करें। यदि आपको किसी कठोर गांठ या असामान्यता का अहसास हो तो डॉक्टर से परामर्श लें।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज (Treatment of breast cancer in hindi)
ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में समय पर पहचान और सही उपचार विधि का चयन बेहद महत्वपूर्ण है। कैंसर के प्रकार और चरण के आधार पर निम्नलिखित उपचार विकल्प उपलब्ध होते हैं:
- लम्पेक्टोमी: यह प्रक्रिया तब की जाती है जब केवल ट्यूमर को निकालना होता है और स्तन के अन्य हिस्सों को बरकरार रखा जाता है।
- मास्टेक्टॉमी: इसमें स्तन का प्रभावित हिस्सा निकाल दिया जाता है, जिससे कैंसर के प्रसार को रोका जा सके।
- कीमोथेरेपी: इस उपचार में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए विशेष दवाओं का प्रयोग किया जाता है।
- रेडिएशन थेरेपी: इसमें रेडिएशन का उपयोग करके कैंसर कोशिकाओं को समाप्त किया जाता है।
- हार्मोन थेरेपी और टार्गेटेड थेरेपी: यदि कैंसर हार्मोन या विशेष प्रोटीन (HER2) पर निर्भर है, तो यह उपचार दिए जाते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर को रोकने के लिए जागरूकता का महत्व (The Importance of Awareness in Preventing Breast Cancer)
ब्रेस्ट कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, लेकिन इसे जागरूकता और समय पर जांच द्वारा रोका जा सकता है। महिलाओं को अपने शरीर के प्रति सजग रहना चाहिए और स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही जानकारी और आत्म-जागरूकता से ब्रेस्ट कैंसर का सामना करना संभव है।
निष्कर्ष (Conclusion)
ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है, लेकिन समय पर पहचान और सही उपचार से इसका इलाज संभव है। महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए और नियमित जांच करवानी चाहिए, ताकि कैंसर का समय पर पता लगाया जा सके और आवश्यक उपचार शुरू किया जा सके।
ब्रेस्ट कैंसर से संबंधित प्रश्न (FAQs/Questions related to breast cancer in Hindi)
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ब्रेस्ट कैंसर की पहचान कैसे करें?
अगर आपको अपने स्तन के आसपास सूजन, दर्द, या असामान्य गांठ महसूस होती है, तो ये ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती संकेत हो सकते हैं। ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जांच करवाना सबसे अच्छा रहता है।
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क्या ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है?
हाँ, ब्रेस्ट कैंसर का इलाज संभव है, खासकर अगर इसे शुरुआती चरण में पहचान लिया जाए। बीमारी के चरण के आधार पर डॉक्टर द्वारा सही समय पर उपचार से ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
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ब्रेस्ट कैंसर के मुख्य लक्षण क्या होते हैं?
ब्रेस्ट कैंसर के कुछ सामान्य लक्षणों में निपल के पास सूजन, स्तन में असामान्य गांठ, त्वचा में बदलाव, निपल से रक्त या दर्द, और स्तन के आकार या रंग में बदलाव शामिल हो सकते हैं।
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क्या ब्रेस्ट कैंसर खुद-ब-खुद ठीक हो सकता है?
नहीं, ब्रेस्ट कैंसर का घरेलू उपचार संभव नहीं है। इस बीमारी का इलाज कराने में देरी न करें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ताकि सही समय पर उपचार मिल सके।